कोमलता की जिद्द। {2}

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कोमलता को समझ न आया, वजूद क्या था कठोर ने पाया, वो कैसे सब सहन हैं करता, करा भी अनुभव, बेरहम सा रहता।। कठोर से हुआ  मन करे वो बात, पर ...

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